नज़र भर देखना तुम्हारा,
या उसी नज़र का ठहर जाना,
कनखियों से देखना तुम्हारा ,
पल भर को नजरें मिलाना
और चोरी पकड़ी गयी हो जैसे, ऐसे मुस्कुराना
बस श्रृंगार का मेरे इतना सा ठिकाना
मुझसे सारी दुनिया तुम्हारी, तुमसे मेरा सारा ज़माना..
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