Monday, December 18, 2023

नेता जी इन चुनाव

 

टल टल जाते ज़मीनी मुद्दे

 मुद्दत बन बिन- बात 

फूँ फाँ से फ़ालतू फिरके 

फुँकारे पहन फन, कुर्सी की लगाए घात 

भरी सभा भारी-भरकम जुमले सुने ताली 

बीता चुनाव करे वायदे अब सब जुगाली 

कौन मसला फिसले, कौन मुद्दा उछले 

मेहनत से होती ऐसी ज़हीन- महीन  मुद्दाकारी

झक्क सफ़ेद कुरता, कभी पजामा, कभी धोती

नेता जी भैया, पहनें टोपी, पहनाये टोपी 


Saturday, December 2, 2023

दिसंबर की सुबहें

 




दिसंबर की सुबहें फ़ुरसत के गुज़रे लम्हों को याद कर 

ऐ काश की लम्बी साँस खींच दुबक जाती हैं एक बार फिर रजाई खींच कर 

ये मुआ अलार्म बार बार  बज बज कर याद दिलाता है 

वीकडे है आज 

सो जाना जी भर कर वीकेंड पर 

प्रॉमिस इस बार वीकेंड पर नहीं बजूँगा 

और रजाई गुनगुनी सी झप्पी दे, कानों में फुसफुसाती है कि दिसम्बर की सुबहों को नींद बड़ी मीठी आती है,

बजने दो मुए अलार्म को, इसका तो काम ही बजना है