टल टल जाते ज़मीनी मुद्दे
मुद्दत बन बिन- बात
फूँ फाँ से फ़ालतू फिरके
फुँकारे पहन फन, कुर्सी की लगाए घात
भरी सभा भारी-भरकम जुमले सुने ताली
बीता चुनाव करे वायदे अब सब जुगाली
कौन मसला फिसले, कौन मुद्दा उछले
मेहनत से होती ऐसी ज़हीन- महीन मुद्दाकारी
झक्क सफ़ेद कुरता, कभी पजामा, कभी धोती
नेता जी भैया, पहनें टोपी, पहनाये टोपी
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