Tuesday, October 22, 2013

ओ रे करवाचौथ के चाँद !



टाँक कर अपने दुशाले पर अनगिन तारे ,
देर ना करना , जल्दी आना ,
तुम आज ओ चाँद !
इतरा लेना पर जल्दी आना ओ चाँद !

 
 देखो तो मैंने भी सजाये हैं ,
 अनगिन तारे
अपनी पूजा की थाल में ,
प्रार्थना के , मनुहार के ,
विश्वास के ,अधिकार के,
और प्रिय के लिए असीम प्यार के |
   

                  

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