Friday, September 19, 2008

नीङ के पंछी



कुछ तिनके दबाकर चोंच में,

दो पेङों के दो नीङों से,

उङे थे पंछी दो,



दो पंछी छोङ चले,

दो पेङों के नीङ दो|


दो पंछी छोङ चले,

दो पेङों के दो नीङों में,

राह तकती आँखें दो और दो|



हवा से बतियाते,

बादल पर झुँझलाते,

दूर निकल आये नीङों से,

दो नीङों के पंछी दो|



नयी ज़मीं पर,

नया पेङ ढूँढ,

दो पेङों के दो नीङों के तिनकों से

एक नीङ बनाने लगे,

वो पंछी दो|



कहीं दूर

तकती रही राह्

दो पेङों के दो नीङों में,

बूढी आँखें दो और दो|


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