Tuesday, January 24, 2023

ज़िंदगी एक तमाशा

 



कोई दौड़ कहता है 

कोई खोज कहता है 

ज़िंदगी एक तमाशा है 

जो रोज़ होता है 


टूटी है तो जोड़ के रखो 

बिखरी है तो जमा के रखो

ज़िंदगी एक तमाशा है 

इसे सजा के रखो 


जो छूट गया पीछे 

उसकी याद बसा के रखो 

ज़िंदगी एक तमाशा है 

नए तमाशबीनों को मुस्कुरा के देखो 


जो पुराना हो चला 

उसको लीप- पोत कर चमकाते चलो 

ज़िंदगी एक तमाशा है 

इसमें चेहरे नए लगाते चलो 


कभी शहद मीठे, कभी नीम कड़वे

सुनो कभी, सुनाते कभी रहो 

ज़िंदगी एक तमाशा है 

जुबां खंजर को धार लगाते रहो 


आधे खाली पैमाने को 

आधा भरा ही कहो 

ज़िंदगी एक तमाशा है

जश्न इसका रोज़ मनाते रहो 


ना  कल में जीओ 

ना कल के लिए जीओ 

ज़िंदगी एक तमाशा है 

बाज़ी आज की आज लगाते रहो 

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