Friday, August 10, 2007

किरणों की लेखनी से


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

किरणों की लेखनी चला,

लिख देता है, रोज़ दिन नया दिवाकर,

सागर की चंचल लहरों पर

सुनहरी रोशनाई से अलंकृत कर,

लहरों के अल्हङ शैशव को,

तरुणाई की सीमा-पार ले जाता है

दिखलाता है दिन नया,

सुनहरे अम्बर का दर्पण,

और जाते हुए, दे जाता है,

ऊर्जा किनारों पर चोट करने की...

ऊर्जा अपने अस्तित्व को पाने की...

1 comment:

Shastri JC Philip said...

आज पहली बार आपके चिट्ठे पर आया एवं आपकी रचनाओं का अस्वादन किया. आप अच्छा लिखते हैं, लेकिन आपकी पोस्टिंग में बहुत समय का अंतराल है. सफल ब्लागिंग के लिये यह जरूरी है कि आप हफ्ते में कम से कम 3 पोस्टिंग करें. अधिकतर सफल चिट्ठाकार हफ्ते में 5 से अधिक पोस्ट करते हैं. किसी भी तरह की मदद चाहिये तो मुझ से संपर्क करे webmaster@sararhi.info -- शास्त्री जे सी फिलिप

मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार !!