Wednesday, October 12, 2011

मेरी पहचान

उसने पहली बार पुकारा ,
इतने लोगों में सिर्फ मुझे |
उस एक शब्द ने,
पिघला दिया मेरे मन को,
बहुत से शब्द गढ़ रही थी वो,
पर उस शब्द पर उसने,
अथाह प्रेम की नक्काशी की है |
" मम्मा "
पहली बार छलका,
शब्द बन कर उसका प्यार

मैंने सहेज लिया है वो पल,
बड़ी होगी तो दिखाऊँगी उसे
कैसे एक शब्द में गढ़ दी उसने,
मेरी सबसे बड़ी पहचान |

4 comments:

डॉ. मोनिका शर्मा said...

इस एक शब्द में समाई है माँ की दुनिया ...बहुत सुंदर

Suresh kumar said...

Bahut hi sundar ma ki mamta ke samne sab kuch fika lagta hai.

Suresh kumar said...

Mere blog pr ak baar dashan jarur de.

Sunil Kumar said...

maan tujhe salam , bahut suindar rachna