Thursday, May 19, 2011

चवन्नी नहीं रही !




छम से छम- छम छमकती चवन्नी,
चम से चम -चम चमकती चवन्नी ,
अम्मा के बटुए की जान चवन्नी ,
मिट्टी की गुल्लक की शान चवन्नी ,
छोटू का गुब्बारा लाती चवन्नी ,
गोले की टॉफी की मिठास चवन्नी,
इमली की खटास चवन्नी ,
यहाँ वहाँ घूमती घुमक्कड़ चवन्नी,
बन्दर- बंदरिया का खेल दिखाती चवन्नी,
अटरिया के मेले की सैर कराती चवन्नी
भैया के बल्ले से घुमकती चवन्नी ,
दीदी की आँखों का काजल बनती चवन्नी ,
मंदिर में चढ़ावा चढी चवन्नी ,
छुट्टे करवाने को सब्जी मण्डी में लड़ी चवन्नी ,
नुक्कड़ के भिखारी की झोली में गिरी चवन्नी ,
दुआओं का भण्डार चवन्नी ,
आवारा सी ना ठहरती चवन्नी

गोलू के गले में कितनी बार फँसी चवन्नी
बड़ी मुसीबत थी उससे ,
..अच्छा है नहीं रही ,
.....पर थी तो बड़ी गोल- मटोल ,
चमकती भी थी कभी- कभी ,
अचानक कैसे चली गयी,
.................. museum में दिखेगी क्या ?

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