Thursday, June 12, 2008

सो जा नन्हे!


कूँ-कूँ काँ-काँ,मच-मच,छप-छप,
ऊँ-ऊँ,आँ-आँ,पच-पच,टप-टप,
रात हुयी बस कर शैतानी ओ नटखट|

कटोरी-चम्मच, ढपली, झुनझुना,
हाथी-घोङा,मोटर-गाङी, टुनटुना,
थक गये अब तो सब गुनगुना|

पालना भी अब तो ऊँघने लगा,
चँदा-मामा भी घूमने चला,
बस एक तेरा दिन न अभी ढला|

दादी माँ ने मीठी सी लोरी सुनायी,
देख ज़रा,दादाजी ने भी ली जम्हाई,
फिर तुझे भला क्यों नींद न आयी|

तारों ने बादल की ओढी रजाई,
निन्दिया रानी थक कर सकुचायी,
जाने क्यों तुझे वो इतनी परायी|

हाथ-पैर यहाँ-वहाँ मार कर,
किस बिछङे को जाने पुकार कर,
सो जा लाडले अब तो थककर्|

देख भोर का सूरज भी उगने चला,
फिर लेने को मीठी झपकी भला,
तेरा मन नन्हे अब तक न चला|